कल यहाँ छुट्टी थी। मेले के लिये, क्योकि अगर यूनिवर्सिटी खुली होगी तो मेले मे कौन जायेगा ऐसा लगा हम लोगों को। मेले मे सब कुछ था, खाने को पीने को साथ मे जबर्दस्त झूमने वाला संगीत भी। संगीत डच मे था सो शब्द हमारी समझ से बाहर थे, लेकिन पब्लिक (बच्चे बूढ़े सब एक साथ) गायक के साथ ताल से ताल मिलाकर झूम रहे थे किए देख सुन के मज़ा आ गया।
ऊपर है बी एम डब्ल्यू की मिनी कूपर २००८ मॉडल। इसके बारे मे अधिक जानकारी यहाँ है।
मेले मे बच्चों के लिये ड्राइन्ग पेन्टिन्ग प्रतियोगित का भी आयोजन था जिसमे प्रथम पुरस्कार जीता १२ वर्षीय बालिका Margot De Smet (मर्गॉत दि स्मेत) ने। उनकी बनायी तस्वीरे ये है।
अलग-अलग आयु-वर्ग के विजेताओं की नाम सहित तस्वीरें ये हैं।
Norine Cop Norine Cop
6 jaar 6 years
Margot Brumagne Margot Brumagne
7 jaar 7 years
Heleen De Bièvre Heleen De Bièvre
8 jaar 8 years
Sarah Uten Sarah Uten
9 jaar 9 years
Ramila Mennes Ramila Mennes
10 jaar 10 years
Lotte Bosmans Lotte Bosmans
11 jaar 11 years
Esther De Smet Esther De Smet
13 jaar 13 years
Helena Vanrespaille Helena Vanrespaille
14 jaar 14 years
Laurens Heeren Laurens Heeren
15 jaar 15 years
सभी चित्र पूर्ण आकार मे यहाँ देखे जा सकते हैं।
लग रहा है , मेले में हम भी घूम रहे हैं।
वाह, क्या सजीव चित्र है!!!!
— शास्त्री जे सी फिलिप
— बूंद बूंद से घट भरे. आज आपकी एक छोटी सी टिप्पणी, एक छोटा सा प्रोत्साहन, कल हिन्दीजगत को एक बडा सागर बना सकता है. आईये, आज कम से कम दस चिट्ठों पर टिप्पणी देकर उनको प्रोत्साहित करें!!
अच्छे हैं चित्र सदा की तरह। और उनमें दिखने वाले लोग मगन लग रहे हैं।
वाह, अच्छी खासी भीड़ है। मेला था किस कारण? या यूँ ही बिन कारण मेला लगा था?
मिनी कूपर तो खैर टकाटक गाड़ी है, उसकी क्या कहें। और बच्चों के बनाए चित्रों में उनका मासूम बालपन छलकता है। 🙂
संगीता जी, शास्त्री जी और पाण्डेय जी, धन्यवाद।
अमित, मेला वार्षिक उत्सव के रूप मे लगता है और पूरे ७ दिनों तक चलता है, छुट्टी एक दिन ही मिलती है :(।