नारद के विकल्पों की सूची मे एक और नाम!
आज अपनी Site Stat देखत समय एक लिन्क दिखा, जो पहले से जाना पहचाना नही था।
तो आइये देखते हैं चिट्ठाजगत.इन। सबसे पहले परिचय।
http://chitthajagat.in/?humlog=ha
डॉ विपुल जैन द्वारा पञ्जीकृत ये साइट पहली नज़र मे बहुत अच्छी बन पड़ी लगती है। काफी कुछ नारद से मिलता जुलता है, पर मुझे लगता है कि Programming Part मे अधिक मेहनत की गयी है।
इसके सूत्रधारों मे हैं स्वयं डॉ विपुल, श्री आलोक जी (वही ९-२-११ वाले) और श्री कुलप्रीत जी।
इसमे बहुत कुछ नया और रोचक है। जैसे
१. सक्रियता क्रमाँक
२. धड़ाधड़ छापने वाले चिट्ठाकार
३. Tag Cloud
४.पञ्जीकरण की सुविधा (स्वचालित) स्वयं के Username और Password के साथ। http://chitthajagat.in/panjikaran.php
शायद बाकी का परिचय रवि जी दें (उन्होने आज ही इस विषय से सम्बन्धित दो प्रविष्टि लिखी हैं) इसलिये, हम यहीं विश्राम लेते हैं :)।
शुक्रिया इस सूचना के लिए, आज दिन भर नारद पर न आ पाया था, आते ही यह सूचना मिली। खबर तो उत्साहजनक लग रही है, अभी देखते हैं। 🙂
भाई यह तो मज़ेदार है, विविध प्रकार से संकलन को देखने का उपाय भी। बहुत शानदार, अभी तक के आँकलन में।
देख आये, रजिस्टर भी कर आये. आभार जानकारी के लिये.
अच्छी सूचना दी आपने.. और काफ़ी आधुनिक फ़ीडगेटर है..
कूल। बढ़िया खबर। गब्बर की आवाज में अब आएगा मजा। आलोक भाई का सुबह ही फोन आया थी कि वे कैलिफोर्निया में हैं आशा ही इतवार उनसे मुलाकात भी होगी।
शुक्रिया
मैं इस वेबसाइट पर गया। यह बहुत अच्छी है। यदि कुछ पंक्तियां भी देने लगे तो सोने पर सुहागा।
श्रीश, राजीव जी, समीर जी, तिवारी जी और संजीत, सूचना का उपयोग एवं टिप्पणी 🙂 करने के लिये धन्यवाद।
सेठ जी,सही कहा आपने अब आयेगा मज़ा आलोक जी लगभग एक सप्ताह से वहीं हैं। मुलाकात के बारे मे बताइयेगा।
उन्मुक्त जी आपकी टिप्पणी देख कर जब मैं वहाँ गया तो देखा कि Na2B4O7, Sodium meta Borate (सुहागा) हो चुका है 🙂
आप सबका धन्यवाद एवं आभार।