Scheduled Posting: Applications in Blogger & WordPress

बहुत सारे लोग कोई भी अच्छा-बुरा काम करने से पहले शुभ मुहूर्त की राह देखते हैं। सो माना जा सकता है कि ब्लॉगर भी इन्ही मे से हैं और वे अपनी कोई विशेष प्रविष्टि, विशिष्ट समय पर ही प्रकाशित करना चाहते हैं तो उनके लिये बहुत काम की चीज है। WordPress के प्रयोगकर्ता अपनी उस पोस्ट को छपने के पहले मुहूरत का टाइम सेट कर दें। इसके लिये पोस्ट टाइम स्टाम्प पर क्लिक करके Edit Time Stamp, Check करें और शुभ मुहूर्त का समय भर दें और Publish पर चटका लगायें। बस हो गया आपका काम। जैसे ही वो शुभघड़ी आयगी आपकी पोस्ट आपके वर्डप्रेस ब्लॉग पर आ जायेगी।

ये उनके लिये भी उपयोगी है जिनको कभी-कभी छपास का दौरा पड़ता है तो एक बार की ही बैठक में हफ़्ते भर का मसाला छाप के फ़ुरसत कर लेते हैं और, उनकी फ़ीड पढ़ने वालों या दिखाने वालों को असहाय छोड़ जाते हैं। पिछले दिनों इस प्रकार के कुछ उदाहरण देखने-पढ़ने को मिले।

और भी, मुहूर्त देख के लिखने वालों का इस बीच अगर कोई नया शुभ मुहूर्त निकल आये या तुरन्त छाप देने का मन करे तो इसमें भी कोई मुश्किल नही बस Time Stamp Edit करके फिर से Publish कर दें।

ये प्रविष्टियाँ आपके WordPress ब्लॉग के मुख पृष्ठ पर अपने नियत समय पर ही दिखेंगी लेकिन URL तो बन ही चुका होता है इसलिये आप लिन्क अपने मित्रों को सुझाव आदि के लिये भेज सकते हैं।

अब आते हैं, ब्लागर पर यहाँ भी यदि आप प्रविष्टि छापने के पहले Post Option मे जाकर समय और तारीख निश्चित कर दें तो ये भी फ़ीड रीडर को आप द्वारा सेट किया समय ही बतायेगा, बशर्ते कि उसके साथ कुछ और समस्या न हो (जैसा कि HindiBlogs.Com के साथ अनुभव हुआ)।

WordPress के विपरीत Blogger मे आपकी भविष्य की प्रविष्टि मुख पृष्ठ पर दिखती रहेगी। इसका अनुप्रयोग आप अपने ब्लॉग पर Sticky Post के रूप में कर सकते हैं। वैसे अगर आप अपनी इस प्रकार की किसी पोस्ट पर टिप्पणी की आवश्यकता नही महसूस करते तो LayOut मे जाकर Blog Post के ऊपर एक HTML-JAVA Script/Text जैसा Widget जोड़ सकते हैं।

Blogger जैसी ये सुविधा WordPress.Com के प्रयोगकर्ताओं को तो नही उपलब्ध, फ़िर भी उनके लिये एक तरीका है कि वे अपने मुख पृष्ठ के लिये Default setting i.e. Your Latest Post के स्थान पर A Static Page चुन कर मुख पृष्ठ एवं प्रविष्टि पृष्ठों मे से चुनाव कर सकते हैं।

इस परीक्षण के परिणाम और अनुप्रयोग की बात समाप्त।

*नारद पर अपनी फ़ीड दिखाने वालों के लिये ये थोड़ा और उपयोगी है, जो कर के ही जाना जा सकता है।

5 Comments

  1. ALOK PURANIK June 24, 2007 Reply
  2. RC Mishra June 24, 2007 Reply
  3. Udan Tashtari June 24, 2007 Reply
  4. Shrish June 26, 2007 Reply
  5. acummavar January 22, 2009 Reply

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