एक और वलेंटाइन डे!

मै अपने केबिन मे बैठा मई मे फेरारा मे होने वाली कांफ्रेंस के लिये अब्स्ट्रैक्ट लिख रहा था, तभी कुछ हुआ कि बात वलेंटाइन डे पर आयी, वास्तव मे “लोरीदाना (Ricercatore)” को “सावरो वितोरी (Associate Prof)” ने बुलाकर एक गुलाब की कली भेंट की तो उसने हमसे पूछ लिया कि भारत मे मनाया जाता है क्या, मैने बताया हमारी संस्कृति मे तो नही है पर आज-कल ये भी होता है तो वे स्त्री-स्वभाव-वश इस दिन के महत्त्व के बारे मे बोल गयी कि इस दिन लवर्स एक्स्चेंज गिफ्ट्स, तभी वो बोले इसका मतलब हम दोनो….लेकिन ऐसा तो नही है, वो बोलीं मुझे मालूम है कि आपने आज ऐसा ही रोज़ी, सारा और बहुतो को दिया है, उसके बाद क्या हुआ…..सुनिये………


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