फ़ुरसतिया जी की पोस्ट पढ़ के लग रहा है कि एक ब्लॉगर मीट होनी चाहिये… और फ़िर उसकी ’जम के’ (ये हमारे बी एच यू वाले तिवारी जी का पेट वर्ड है) रिपोर्टिन्ग की जाये ताकि हर पोस्ट को शतकीय हिट मिलें..
लेकिन कहाँ? यहीं इलाहाबाद, बनारस या कानपुर में।
इलाहाबाद मे तो प्रमेन्द्र को बुला के कभी भी मिल लेते हैं, कई बार मिल भी चुके हैं पर महाशक्ति जी मिलना चाहते हैं, श्री ज्ञान दत्त पाण्डेय जी से। पिछली बार जब हम उनके घर गये थे तो उन्होने इस बात की बहुत शिकायत की थी।
बनारस मे हम मिलना चाहते हैं डॉ अरविन्द जी से। पिछले दिनों उनसे बात हुई थी। उनकी लिखी विज्ञान कथायें हमने विज्ञान प्रगति मे पढ़ी है। विज्ञान प्रगति का मै १९९२ से कई सालों तक नियमित पाठक रहा हूँ। तिवारी जी भी आजकल बनारस मे ही हैं।
कानपुर भी घूमना है वहाँ शुकुल जी से तो मिलना है ही, एक और शुकुल हैं विवेक कुमार, वो भी मेरी तरह वीज़ा का इन्तज़ार कर रहे हैं। इ दोनो शुकुल अगर रिश्तेदार निकल आये तो और मज़ा आयेगा 🙂
टिप्पणी करने वालो से भी मिलने का कोशिश होनी चाहिये. जब भी आप लोग ब्लोगर्स मीट बुलाये उसमे टिप्पणी कर्ताओं को भी निमन्त्रित करें. हम जैसे बहुत लोग आप ब्लोगर्स के लेखॊ को पढ कर अपना माथा खराब करते हैं फिर ऊस पर टिप्पणी डालते हैं फिर दुबारा तेबारा रिफ़्रेश कर के देखते है कि टिप्पणी पर कोइ टिप्पणी आइ कि नहिं.
चलिये बढिया है, मेल जोल करते रहिये आप लोग और हम लोगो को बताते रहिये.
इलाहाबाद में तो समय नहीं निकलता। कानपुर में मिला जाय। अगले सप्ताह शनिवार?
आइये हम तो फ़ुरसतिये हैं।
रामचन्द्र जब मिलेंगे तब सीताजी के किस्से सुनाने पड़ेंगे।
जब भेंट लें तब फोटू/रपट वगैरह लगायें.
हम भी समीर भाई का समर्थन करते हैं.
मेल मुलाकात होती रहे..
सही कहा..