Blogger Meet और टिप्पणीकार (का ब्लॉग)

पिछली पोस्ट पर सर्वेश जी ने, ये टिप्पणी की:

टिप्पणी करने वालो से भी मिलने का कोशिश होनी चाहिये. जब भी आप लोग ब्लोगर्स मीट बुलाये उसमे टिप्पणी कर्ताओं को भी निमन्त्रित करें. हम जैसे बहुत लोग आप ब्लोगर्स के लेखॊ को पढ कर अपना माथा खराब करते हैं फिर ऊस पर टिप्पणी डालते हैं फिर दुबारा तेबारा रिफ़्रेश कर के देखते है कि टिप्पणी पर कोइ टिप्पणी आइ कि नहिं.
चलिये बढिया है, मेल जोल करते रहिये आप लोग और हम लोगो को बताते रहिये.

अभी तक मेरी समझ से बहुत कम लोग ऐसे रहे जो केवल टिप्पणी करते हों, लेकिन ब्लॉगर न हों। अगर कोशिश करें तो प्रेत विनाशक और राज भाटिया जी का नाम लिया जा सकता है। आज ये दोनों महानुभाव अपने ब्लॉग भी बना चुके हैं और काफ़ी नियमित पाठक भी।

सर्वेश जी की प्रोफ़ाइल पर एक हिन्दी ब्लॉग दालान है जिसके वे योगदान कर्ता हैं।

रही बात टिप्पणीकारों को बुलाने की तो पहले तो उनको पहचानना होगा, अब अगर कोई  बेनाम हो कर टिप्पणी करे तो उसको बेनाम आमन्त्रण भेजना भी मुश्किल नही है 🙂

एक तो पूरा पूरा ब्लॉग ही ’टिप्पणीकार’ नाम से है और वो सज्जन अनाम/बेनाम बन के बहुत मौज लेते हैं। अगली ब्लॉगर मीट जैसा कि पाण्डेय जी ने टिप्पणी द्वारा सुझाया है, अगर कानपुर मे निश्चित हो जाती है तो सर्वेश और टिप्पणीकार को विशेष आमन्त्रण और खातिरदारी मेरी तरफ़ से।

वैसे ’टिप्पणीकार ज़नाब’ कानपुर मे ब्लॉगर मीट कर चुके हैं।

  • जहाँ तक माथा खराब करने की बात है…किसका माथा क्या पढ़के खराब हो जाय कोई नही कह सकता इसलिये पठन – चयन मे भी सावधानी रखनी  चाहिये।
  • अपनी टिप्पणी पर आई प्रति टिप्पणी या आगे की टिप्पणियाँ देखने के लिये किसी को बार बार ब्लॉग पे जाके देखने की आवश्यकता नही होती, आप आने वाले कमेन्ट्स को ई मेल मे मंगा सकते हैं मै बहुत बार ऐसा करता हूँ।
  • कल वाराणसी मे हुई ब्लॉगर मीट का विवरण अगली प्रविष्टि मे, देने का प्रयास रहेगा, तब तक के लिये पढ़ते रहिये ’हिन्दी ब्लॉग्स’।

अन्त मे: कुछ सप्ताह पूर्व सूचना मिली थी कि पराया देश हिन्दी ब्लॉग के लेखक राज भाटिया जी के पिता जी का देहावसान हो गया है। ईश्वर उनकी आत्मा को शान्ति प्रदान करे। मै उस बीच बहुत व्यस्त था। भाटिया जी इस दौरान भारत आये थे, अभी तक अनके वापस लौटने की सूचना नही मिली है।

3 Comments

  1. Udan Tashtari June 1, 2008 Reply
  2. अनूप शुक्ल June 1, 2008 Reply
  3. बाल किशन June 1, 2008 Reply

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