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हिन्दी ब्लॉग – by RC Mishra

Google adsense

Image via Wikipedia

वैसे तो शास्त्री जी अक्सर बिना पूरी जानकारी के या जानकारी छुपाते हुए अपने चिट्ठे पर तरह तरह की लेख शृँखलायें लिखते रहते हैं, तो ये भी कोई नयी बात नही है। हाँ, उनके शुधी पाठकों को जरूर इस बात से क्षोभ हो सकता है, उनको तो खैर नही ही होना चाहिये, क्योंकि शास्त्री जे सी फिलिप, नाम ही काफ़ी है।

अभी हाल ही मे उन्होने Google Adsense के बारे मे लिखा है कि

जैसे ही कई नये नवेले चिट्ठाकारों ने देखा कि महज “क्लिक” करने पर डालर की धारायें उनके पते पर बहने लगी हैं तो कई हिन्दी चिट्ठाकारों ने जम कर एक दूसरे के चिट्ठों पर क्लिक करना शुरू कर दिया, अत: एक न एक दिन गूगल की ओर से यह प्रतिबंध लगना ही था.

और

हिन्दी चिट्ठाकारों में से गिने चुने कुछ लोगों के लोभ के कारण गूगल ने फिलहाल हिन्दी चिट्ठों पर विज्ञापन की छुट्टी कर रखी है. यदि किसी चिट्ठे पर विज्ञापन दिख रहे हों तो धन के लिये उस पर आप में क्लिक न करें. गूगल की नजरें बहुत तेज हैं.

उनकी इस पोस्ट पर अच्छी टिप्पणियाँ हैं।

हजारों डॉलर हर महीने बनाना बिल्कुल भी कठिन नहीं है, अभी मैं इस विषय पर बहुत कुछ लिखने वाला हूँ…

इन पन्डित जी का जन्म थोड़े दिन पहले ही हुआ है, अपने चिट्ठे पर उन्होने गेरुआ-लाल रंग से लिख डाला है कि-

यह ब्लॉग इन्टरनेट एक्स्प्लोरर में सही दिखता है. फायरफॉक्स बेकार है.

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7 thoughts on “Inside Adsense: शास्त्री जी कहते हैं-

  1. भाई, हमे इन विषयों की ज्यादा जानकारी बिल्कुल ही नही है।हम जो जो चिट्ठों पर पढ़्ते हैं उतनी ही जानकारी रखते हैं।उसी के आधार पर टिप्पणियां भी करते हैं।

  2. यह फायरफॉक्स बेकार है वाला दम्भ कहीं देखा था। “सारथी” पर नहीं।
    देखा जाये आपका निशाना कहां है?

  3. भाई आपने भी तो इसे आधा-अधूरा ही छोड़ दिया, समस्या का हल बताते, ब्लॉग़ से पैसा न कमा पाने वालों की तकलीफ़ विस्तार से लिखकर कम करते तो मजा आता… आप ही बताईये कि ये एडसेंस वाला फ़ण्डा असल में है क्या? सुना तो है कि कुछ ब्लॉगरों के खाते में 100 डालर भी आ गये हैं, मेरे यहाँ तो एक चवन्नी भी नहीं आई, सिर्फ़ आलोचना मत करो यार कुछ हल भी बताओ… ताकि हम जैसे अज्ञानी भी दो-चार रुपये कमा सकें…

  4. सुरेश से पूरी तरह सहमत। वर्ना आप में और दूसरों पर जो लिख रहे हैं उसमें अंतर क्या रहगया। कुछ ठोस बताओं वर्ना…।

  5. Nitish Raj, आप अपना वर्ना…। पूरा लिख दीजिये, मुझे सुविधा होगी।

  6. उनको भी पढ़ा था..अब आपको भी पढ़ लिया. थोड़ा बात को और विस्तार दें.. 🙂

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