चिट्ठाकारी: दिल से!
Blogging straight from the heartland रवि रतलामी वैसे तो बहुत बार छप चुके हैं पर इस बार जब हमने उनको Times of India मे देखा…
हिन्दी ब्लॉग – by RC Mishra
Blogging straight from the heartland रवि रतलामी वैसे तो बहुत बार छप चुके हैं पर इस बार जब हमने उनको Times of India मे देखा…
Chapter 2: Verse 50 बुद्धियुक्तो जहातीह उभे सुकृतदुष्कृते।तस्माद्योगाय युज्यस्व योगः कर्मसु कौशलम्॥२-५०॥ A person with evenness of mind is not attached to the…
Chapter 2: Verse 48-49 Subject: Yoga विषय: योग योगस्थः कुरु कर्माणि सङ्गं त्यक्त्वा धनंजय।सिद्ध्यसिद्ध्योः समो भूत्वा समत्वं योग उच्यते॥२-४८॥Leaving the attachment of success…
Chapter 2: Verse 44-45 Subject: Instable Mind विषय: अस्थिर चित्त भोगैश्वर्यप्रसक्तानां तयापहृतचेतसाम्।व्यवसायात्मिका बुद्धिः समाधौ न विधीयते॥२-४४॥Those persons are devoid of stable intellect…
Chapter 2 Verse: 42-43 Subject: The Unwise विषय: अविवेकी (मूर्ख) यामिमां पुष्पितां वाचं प्रवदन्त्यविपश्चितः।वेदवादरताः पार्थ नान्यदस्तीति वादिनः॥२-४२॥ कामात्मानः स्वर्गपरा जन्मकर्मफलप्रदाम्।क्रियाविशेषबहुलां भोगैश्वर्यगतिं प्रति॥२-४३॥ Only…