आज रात वापस अपार्ट्मेन्ट आ रहा था तो सड़क से उतरती सीढ़ियों पर इनसे मुलाकात हो गयी। मुझे याद नही पिछली बार कब इस तरह साँप देखा था, ये मध्यम आकार का है, शायद विषविहीन ही होगा। भारतीय भुजंग ब्लॉग वाली लवली शायद पहचान सकें नही तो अपने डॉ अरविन्द तो पहचान ही लेंगे उन्होने तो प्राणिशास्त्र मे पी एच डी की है। वैसे पी एच डी तो हमने भी की है लेकिन…
तस्वीरें रात मे मोबाइल फोन से खींची हैं इसलिये बहुत साफ़ नही आयी हैं।
अजगर जैसा लग रहा है.
दादा रे दादा, साँप की फोटू
हे भगवान यह तो पिट वाइपर लग रहा है -शुक्र है साफ़ साफ़ बचे !जहर हीमो लायटिक -मतलब आप समझते ही हैं !
ऊड़ी बाबा, सांप का फोटू ले लिए, बहुत बहादुर हो, अपनी तो घिग्गी ही बंध जाए!! 🙁
और डॉ. मिश्रा सही कह रहे हैं तो वाकई बच गए, मैंने कहीं पढ़ा था कि वाईपर सांप तो विष की प्रेशराइज़्ड फुहार भी छोड़ सकते हैं, काटना आवश्यक नहीं किसी को मारने के लिए!! 🙁
डराने के लिये पर्याप्त मसाला है इसके पास।
माफ़ी चाहूंगी देर से पहुंची हूँ …है तो वायपर ही.
बाकि मैं आपको क्या बता सकती , हूँ मेरे पास प्राणी शास्त्र की कोई मानक उपाधि नही है .आप भुजंग पर आये बहुत आभारी हूँ ..अगर लिखना चाहें तो मेल करें ..आजकल मैं नेट पर कम आ रही हूँ , आशीष और अरविन्द जी ही भुजंगों को सम्हाले हुए हैं
आदर सहित
Lovely
humen to inke baare main jyada nahi pata hai….waise naag se to ek baar hamaara bhi samna hua tha……bhagwaan ka sukr hai ki kisi ko kuch hua nahi…..khair mere blog main aane ke liye dhanyawaad….mainne galti sudhaar li hai….aage bhi margdarshan karte rahen.