Chem-Bio & Life!

हिन्दी ब्लॉग – by RC Mishra

Poem

अधूरी गज़ल…

कि फ़िर आजगमे अश्कबहाये हैं।आँखों से छलके हैं,पैमाने मे उतर आये हैं।सिसकती है आहदर्द मचलता हैआब-ए-अश्क है केपैमाने से भी झलकता है।उम्मीद अब…